December 21, 2019
December 17, 2019
December 10, 2019
December 9, 2019
Ek Nazariya" || "Beti Bachao" Hyderabad
Anchor: Rashi Rawal
BAJMC- Sem 3rd
Cameraman: Koshal
BAJMC- Sem 3rd
Video Editor: Baljeet Singh
BAJMC- Sem 3rd
December 5, 2019
November 23, 2019
Ek Nazariya....Desh ya Videsh
Anchor: Monica
Mjmc-III sem
Cameraman: Koshal
Bjmc-III sem
Video Editor: Rahul
Bjmc-V sem
November 20, 2019
Ek Nazariya...Books vs Internet
Anchor: Tanisha
Mjmc- III sem
Cameraman: Koshal
Bjmc-III sem
Video editor: Aseem
Bjmc V sem
November 18, 2019
Ek Nazariya...Society's Role in Controlling Pollution
Anchor: Shabnam Chauhan
Bjmc 1st sem
Cameraman : Koshal
Bjmc III sem
Video Editor: Baljit Singh
Bjmc III Sem
November 16, 2019
Ek Nazariya...National Press day
Anchor: Abha Makkar
Bjmc V sem
Cameraman : Baljeet Singh
Bjmc III sem
Video Editor: Koshal
Bjmc III Sem
November 15, 2019
Ek Nazariya.....
Anchor : Abha Makkar
Bjmc III year
Cameraman: Koshal
Bjmc II year
Editor: Abha Makkar
Bjmc III year
November 6, 2019
November 5, 2019
October 30, 2019
I love to create visuals with words and voice through Radio....
I love to create visuals with words and voice through Radio....
All the best Shifali.
October 29, 2019
October 26, 2019
October 25, 2019
October 24, 2019
October 17, 2019
October 15, 2019
August 29, 2019
August 20, 2019
August 19, 2019
May 11, 2019
April 26, 2019
April 22, 2019
April 19, 2019
April 16, 2019
The Wolf Of The Dusk
There’s good in the bad,
There’s bad in the good.
The dawn to the man,
The dusk to the wolf.
The story of the beast,
the purity of the heist.
In the dead of the night
the wolf howls to the pure white moon.
A shriek, a cry
to the purity in the sky.
Left on to hold
till he preys with the dark,
until the dawn
to get the ivory belonging
of his own.
The sun, the light
the carrier of the moon to his soul.
Touching his bare skin
piercing through the murk.
To give back what was his,
to give back the pure,
to the wolf of the dusk.
Avilasha
BA (Journalism)
6th sem
There’s bad in the good.
The dawn to the man,
The dusk to the wolf.
The story of the beast,
the purity of the heist.
In the dead of the night
the wolf howls to the pure white moon.
A shriek, a cry
to the purity in the sky.
Left on to hold
till he preys with the dark,
until the dawn
to get the ivory belonging
of his own.
The sun, the light
the carrier of the moon to his soul.
Touching his bare skin
piercing through the murk.
To give back what was his,
to give back the pure,
to the wolf of the dusk.
Avilasha
BA (Journalism)
6th sem
April 15, 2019
बेनाम सा रिश्ता..
बेनाम सा रिश्ता..
और उसका कहना जैसा चल रहा है वैसा चलने दो...
मेरे दिल ने कहा बस रोक दो... दिमाग ने कहा चलो चलने दो... अक्सर इस दिल दिमाग में फंस जाती हूं मैं...
आखिर क्यों तुम्हारे साथ चलना चाहती हूं मैं...
मुझे भरोसा सा नहीं रहा अब मर्द जात पे..
लेकिन फिर भी भरोसा कर लिया..
इक तेरी बात पे...
जैसा चल रहा है वैसा चलने दो...
किससे करूं मैं यह बात...
आखिर क्यों चलूं मैं तेरे साथ.. सबको लगता था मुझ में मगरूरी है...
एक तुझे ही क्यों लगा मेरी बहुत सी बातें अधूरी है...
तुम्हारे सामने में अक्सर बहुत मुस्कुराई...
आखिर तुमने ये क्यु कह दिया...
तुम अपनी मुस्कान कहां छोड़ आई...
मैं कहती हूं मुझे कहने दो..
मैं कहती हूं मुझे कहने दो ..
और तुम हो के जैसा चल रहा है वैसा चलने दो..
मैं वो हूं जिसे फूल डाली से तोड़ना पसंद नहीं..
पौधा तोहफे में देना मंजूर है..
क्या बताऊं तुझे मेरा मकसद कुछ और है....
मेरे लिए जैसे चल रहा है वैसे चलना कुछ और है।
शिवानी
BJMC
6th सेम
और उसका कहना जैसा चल रहा है वैसा चलने दो...
मेरे दिल ने कहा बस रोक दो... दिमाग ने कहा चलो चलने दो... अक्सर इस दिल दिमाग में फंस जाती हूं मैं...
आखिर क्यों तुम्हारे साथ चलना चाहती हूं मैं...
मुझे भरोसा सा नहीं रहा अब मर्द जात पे..
लेकिन फिर भी भरोसा कर लिया..
इक तेरी बात पे...
जैसा चल रहा है वैसा चलने दो...
किससे करूं मैं यह बात...
आखिर क्यों चलूं मैं तेरे साथ.. सबको लगता था मुझ में मगरूरी है...
एक तुझे ही क्यों लगा मेरी बहुत सी बातें अधूरी है...
तुम्हारे सामने में अक्सर बहुत मुस्कुराई...
आखिर तुमने ये क्यु कह दिया...
तुम अपनी मुस्कान कहां छोड़ आई...
मैं कहती हूं मुझे कहने दो..
मैं कहती हूं मुझे कहने दो ..
और तुम हो के जैसा चल रहा है वैसा चलने दो..
मैं वो हूं जिसे फूल डाली से तोड़ना पसंद नहीं..
पौधा तोहफे में देना मंजूर है..
क्या बताऊं तुझे मेरा मकसद कुछ और है....
मेरे लिए जैसे चल रहा है वैसे चलना कुछ और है।
शिवानी
BJMC
6th सेम
April 12, 2019
April 9, 2019
April 8, 2019
The Warrior Princess
A princess in her own kingdom
resided with a King and Queen.
Believed in magic and fairy tales,
living within the walls of dreams.
Away from a reality,
only to realize years later,
every kingdom comes with its traitors.
Kingdom fell, dreams shattered.
In the agony nothing mattered.
Tranquilized by her misery,
mum she kept.
Alone, the tears she wept.
Stereotypes cliche, deafened from her shrieks.
Pities and pains, enough she have had.
“If a war they want, a war they’ll have.” she said.
As the princess raised her weapons in the battlefield,
saw her glory, they all kneeled.
From a princess a warrior she became;
And they trembled whenever she roared.
Perceived true as they say,
‘The pen is mightier than a sword’.
Avilasha
BA JMC
6th sem
April 2, 2019
March 30, 2019
March 29, 2019
March 28, 2019
March 26, 2019
March 19, 2019
March 18, 2019
सकून वाली जन्नत
सूरज की बाहों में चमकते वो बर्फिले पहाड़,
देखकर आ गई थी मन में सकून वाली बहार,
सुकून जो शब्दों में न हो सके बयान,
वो पेड़ो से बर्फ का गिरना,
मानो बालों से हाथों को सहलाना,
पहाड़ों के बीच में जाता वो रास्ता,
रास्ता... काश कभी न हो सके उसका खातमा,
वो ठंडी सी हवा से हुई ठुर-ठुरी,
गालों को छू कर बतलाती,
जैसे कायनात मिल गई हो पूरी,
वो नीले आसमान को इस कदर देखना,
जैसे किसी बच्चे का पूरा हो गया हो सपना।
अब दिल से निकलती है बस यहीं मन्नत
कि हर कोई महसूस कर पाए वो सकून वाली जन्नत
विनी
BJMC -4th sem
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