एक सैटेलाइट सर्वे से पंजाब की भूजल की जो तस्वीर सामने आई है, चिंताजनक है। अब समय आ गया है कि कोई ठोस योजना बनाई जाए और उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। क्योंकि पूर्व में भी योजनाए बनाई गई पर जल की स्थिति में कोई बदलाव नही आया है। आज हालात ये है की प्रदेश के 110 ब्लॉक डार्क जोन में जा चुके है और 9 ज़िलों के 18 ब्लॉकों में तो ट्यूबेल लगाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। विशेषज्ञों की माने तो यदि हालात ऐसे ही रहे टी 2037 ताज पंजाब रेगिस्तान में बदल जायेगा। किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली और इसके चलते ट्यूबबेल से भूजल के बड़ी मात्रा में निकलने से पानी का स्तर कम होता जा रहा है।
साथ ही प्रदेश में कम होते वनक्षेत्र के कारण भी यह स्थिति गंभीर है। क्योकि हमारे पास पानी बचाने का कोई उपाय नही है बल्कि जो है हम वो भी बिना सोचे समझे इस्तेमाल कर रहे है। विपक्षी दलों को भी चाहिए कि वे सियासत से ऊपर उठ कर इस मामले पर विहार करे। और किसानों को भी सोचना होगा कि अब तो वे ज़मीन से पानी ले रहे है पर जब पानी नही होगा तो क्या होगा? जल ह जीवन है तो यह हम सबकी ज़िम्मेदारी बनती है हम सब जल बचाये और सीखे की कैसे हम पानी को संभाल सकते है। आज के समय मे ऐसे बहुत से विकल्प है जो हमे जीवनदान दे सकते है। उसके लिए हमे ज़िम्मेदार और सतर्क हो जाना चाहिए इसे पहले की देर हो जाये।
Niharika
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